श्रीमती की पेहचान -381

                               श्रीमती 


मै बिस्तर से उठने की कोशिश कर रहां हूँ और तुम वहाँ रसोई के धुवें से  उलझ रही हो १ 

मै अपनी दांत साफ़ कर रहा हूँ और तुम वहाँ बरतन साफ़ कर रही हो १ 

मै यहां अखबार देख रहा हूँ और तुम वहाँ कचड़े इकट्ठे कर रही हो १ 

मैं यहां नहा कर अपनी बदन साफ़ कर रहा हूँ और तुम वहाँ कपड़ों की सफाई कर रही हो १ 

मैं यहां अपनी पेठ भर रहां हूँ और तुम वहाँ बर्तनों में पानी भर रही हो १ 

मैं दफ्तर निकल रहा हूँ , तुम बच्चों को स्कूल भेजनेकी तैयारी कर रही हो १ 

मैं काम के बाद घर आ चुका हूँ और तुम अभी तक रसोई घर में काम कर रही हो १ 

मैं बिस्तर पर सोने की तैयारी कर रहा हूँ और तुम बच्चों की चादर ठीख कर रही हो १ 

त्योहारों में हमें छुट्टी मिलती है , लेकिन तुम्हे  ? 

शादी या रिश्तेदारों के यहां सिर्फ तुम जाती हो  , 

बच्चों के स्कूल मीटिंगों में सर्फ तुम जाती हो , 

किसी  के गुज़रजानपर सिर्फ तुम जाती हो 


इन सभी चीज़ों के बावजूद , सरकारी अफसरों के पूछ के समय तुम कहती हो कि तुम बेकार हो और किसी काम पर नहीं जाती हो १ 


अब भी देर नहीं हुवी है , अपनी घरवाली की असली रूप को पेहचानो और उसे सराहो १  

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