भगवान् से ऐक प्रार्थना - 405
भगवान् से ऐक प्रार्थना
ब्रिज भूषण जी के गुज़र जाने की खबर धीरे धीरे सारे गाँव में फैलने लगी १ लोग इखट्टा होकर उनकी अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे १
कैसी अजीब बात है , ब्रिज भूषण जी तो आज से २० साल पेहले ही गुज़र चुके थे जब उनकी धर्म पत्नी उर्मिला देवी का देहांत हो गया था . उसके बाद तो उनकी भलाई के बारे में सोचने वाला कोई ना रहा १
बहु का उनके सुनने के दूरी में रेहकर ये केहना की " इस आदमी को इतने दिन रुकने की क्या ज़रुरत है , अपने पत्नी के साथ चले गये होते तो कितना अच्छा होता , ख़ामख़ाब हमारे पीछे पड़े हुवे हैं " १
माँ के baad पत्नी , पत्नी के बाद घर का कोई कोना , किसी ने भी उनके बारे में नहीं सोचा १
" पैसे क्या पेड़ में उगते हैं , इनकी दवाईयोंने तो हमें कहीं का ना रखा " जैसी बातों को सुनना अब आदत सी बन गयी थी १
" इनको
किसी ओल्ड ऐज होम में छोड़कर आ जावो , इसमें ही हम सब की भलाई है "
" कितना खुश नसीब आदमी है यार ये ब्रिज भूषन , बीवी के जाने के बाद , खुषी में अपने दिन गुज़ार रहा है "
ये बातें , ये सब बातें गलत हैं , मिया के बिना बीवी या बीवी के बिना मिया कभी खुश नहीं रेह सकते हैं १
अगली बार जब मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा या गिरजाघर में भगवान से कुछ मांगोगे , तो सबसे पेहले अपने और अपने साथी को इस दुनिया से अलविदा केहने की दूरी को जहां तक हो सके कम रखने का प्रार्थना करना १
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