दवाई का पर्चा - 421
दवाई का पर्चा
डॉक्टर साहेब , आपके दिये हुवे दवाई के पर्चे में दायीं ओर के कोने में लिखी हुवी दवाई किसी भी दुकान में नहीं मिल रही है
शर्माजी , वो तो मैंने अपने कलम से दवाईयां लिखने se पेहले स्क्रिब्बलिङ्ग कर कर देख रहा था
क्या !! अजीब बात है , इसे लेकर मै करीब २५ दुकानों में जाकर इसके बारे में पूछ थाच की
ऐक दुकानदार तो केह रहा था की , ये दवाई का बनना तो अब बंद हो गया है
दूसरा केह रहा था की उसके पास ये दवाई नहीं है , लेकिन दूसरे कंपनी की बनी दवाई उनके पास है
तीसरा केह रहा था की वो दवा कल मिल जायेगी और मुझे कल वापस आने को कहा .
ऐक तो बता रहा था की इस दवाई की तो आज कल काफी मांग है और मुझे उसे पाने के लिये बहुत ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ेंगे
आख़री वाले ने तो मेरी नींद हराम कर दी , उसने कहा की ये तो कैंसर की दवाई है और मुझे पास के बड़े शेहर में जाकर इसे ढूंढ़ना होगा .
Ha ha ha! Too much!
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